एक बार एक मुर्गा था और एक थी मुर्गी । एक रोज मुर्गा बगीचे में जमीन खोद रहा था। खोदते - खोदते उसे सेम का एक दाना मिला।
" कुड़क-कुड़क-कुड़क ," मुर्गा चिल्लाया । "मुर्गी, ले सेम का दाना खा ! "
"कुड़क-कुड़क-कुड़क , धन्यवाद , मुर्गे ," मुर्गी ने जवाब
दिया , " इसे तुम ही खा लो ! "
मुर्गे ने सेम के दाने में चोंच मारी और उसे उठा कर निगल गया।
पर ,सेम का दाना उसके गले में अटक गया।
वह चिल्लाया : " मुर्गी , कृपया जाओ और नदी से मेरे
पीने के लिए थोड़ा-सा पानी मांग लाओ।"
सो मुर्गी बेचारी क्या करती ? वह दौड़ती - दौड़ती नदी के
पीने के लिए थोड़ा-सा पानी मांग लाओ।"
सो मुर्गी बेचारी क्या करती ? वह दौड़ती - दौड़ती नदी के
पास पहुंची। ।
" नदी, नदी, मुर्गे के लिए मुझे थोड़ा-सा पानी दे दे,
क्योंकि मुर्गे के गले में सेम का दाना अटक गया है ।"
मगर नदी ने कहा :
"पहले पीपल पेड़ के पास जा और उससे एक पत्ती
" नदी, नदी, मुर्गे के लिए मुझे थोड़ा-सा पानी दे दे,
क्योंकि मुर्गे के गले में सेम का दाना अटक गया है ।"
मगर नदी ने कहा :
"पहले पीपल पेड़ के पास जा और उससे एक पत्ती
मांग कर लाओ। तब में तुम्हें पानी दूँगी।"
सो मुर्गी बेचारी क्या करती ? वह दौड़ती- दौड़ती पीपल के पेड़ के पास पहुंची।
पीपल के पेड़ पीपल के पेड़ मुझे एक पत्ती दे दे! में
सो मुर्गी बेचारी क्या करती ? वह दौड़ती- दौड़ती पीपल के पेड़ के पास पहुंची।
पीपल के पेड़ पीपल के पेड़ मुझे एक पत्ती दे दे! में
पत्ती नदी के पास ले जाऊंगी और नदी मुर्गे के लिए मुझे थोड़ा
सा पानी देगी , क्योंकि मुर्गे के गले में सेम का दाना अटक गया है।"
मगर पीपल के पेड़ ने कहा :
" पहले किसी लड़की के पास जाओ और उससे एक धागा
मांग कर लाना
सो मुर्गी बेचारी क्या करती ? बह दौड़ती- दौड़ती एक
लड़की के पास पहुंची ।
" लड़की ,अरी लड़की, मुझे एक धागा दे ! में धागा
पीपल के पेड़ के पास ले जाऊंगी।पीपल का पेड़ मुझे नदी के
लिए एक पत्ती देगा और नदी मुर्गे के लिए मुझे थोड़ा पानी
सा पानी देगी , क्योंकि मुर्गे के गले में सेम का दाना अटक गया है।"
मगर पीपल के पेड़ ने कहा :
" पहले किसी लड़की के पास जाओ और उससे एक धागा
मांग कर लाना
सो मुर्गी बेचारी क्या करती ? बह दौड़ती- दौड़ती एक
लड़की के पास पहुंची ।
" लड़की ,अरी लड़की, मुझे एक धागा दे ! में धागा
पीपल के पेड़ के पास ले जाऊंगी।पीपल का पेड़ मुझे नदी के
लिए एक पत्ती देगा और नदी मुर्गे के लिए मुझे थोड़ा पानी
देगी , क्योंकि मुर्गे के गले में सेम का दाना अटक गया है।"
लड़की ने कहा :
" पहले कंघी बनानेवालों के यहां जाओ और उनसे एक
कघी मांग कर ला । तब मैं तुम्हें धागा दूँगी ।"
सो मुर्गी क्या करती ? वह दौड़ती -दौड़ती कंघी
बनाने वालों के यहां पहुंची।
- " कंघी बनानेवालो, कंघी बनानेवालो , मुझे एक कंघी दो!
में कंघी लड़की के पास ले जाऊंगी । लड़की पीपल के पेड़ के
लिए मुझे एक धागा देगी। पीपल का पेड़ नदी के लिए मुझे
एक पत्ती देगा और नदी मुर्गे के लिए मुझे थोड़ा पानी देगी ,
क्योंकि उसके गले में सेम का दाना अटक गया है।"
कंघी बनानेवालों ने कहा । :
" पहले नान बाई के पास जाओ और हमारे लिए कुछ
नान लाo , तब हम तुम्हें कंघी देंगे ।"
सो बेचारी मुर्गी क्या करती ? बह दौड़ती- दौड़ती नानबाई
के पास पहुंची।
नानबाई, नानबाई, मुझे कुछ नान दे। में नान कंघीवालों
के पास से जाऊंगी। कंधीवाले लड़की के लिए मुझे एक कंघी
देंगे। लड़की पीपल के पेड़ के लिए मुझे एक धागा देगी । पीपल का पेड़
मुझे नदी के लिए एक पत्ती देगा और नदी मुर्गे के वास्ते मुझे थोड़ा
पानी देगी, क्योंकि उसके गले में सेम का दाना अटक गया है।" -
लड़की ने कहा :
" पहले कंघी बनानेवालों के यहां जाओ और उनसे एक
कघी मांग कर ला । तब मैं तुम्हें धागा दूँगी ।"
सो मुर्गी क्या करती ? वह दौड़ती -दौड़ती कंघी
बनाने वालों के यहां पहुंची।
- " कंघी बनानेवालो, कंघी बनानेवालो , मुझे एक कंघी दो!
में कंघी लड़की के पास ले जाऊंगी । लड़की पीपल के पेड़ के
लिए मुझे एक धागा देगी। पीपल का पेड़ नदी के लिए मुझे
एक पत्ती देगा और नदी मुर्गे के लिए मुझे थोड़ा पानी देगी ,
क्योंकि उसके गले में सेम का दाना अटक गया है।"
कंघी बनानेवालों ने कहा । :
" पहले नान बाई के पास जाओ और हमारे लिए कुछ
नान लाo , तब हम तुम्हें कंघी देंगे ।"
सो बेचारी मुर्गी क्या करती ? बह दौड़ती- दौड़ती नानबाई
के पास पहुंची।
नानबाई, नानबाई, मुझे कुछ नान दे। में नान कंघीवालों
के पास से जाऊंगी। कंधीवाले लड़की के लिए मुझे एक कंघी
देंगे। लड़की पीपल के पेड़ के लिए मुझे एक धागा देगी । पीपल का पेड़
मुझे नदी के लिए एक पत्ती देगा और नदी मुर्गे के वास्ते मुझे थोड़ा
पानी देगी, क्योंकि उसके गले में सेम का दाना अटक गया है।" -

" पहले लकड़हारों के पास जाओ और हमारे लिए
जलाने की कुछ लकड़ी ला ! "
सो मुर्गी बेचारी क्या करती ? वह दौड़ती- दौड़ती।
लकड़हारों के पास पहुंची।
'लकड़हारो, लकड़हारो , नानबाई के लिए मुझे जलाने
की कुछ लकड़ी दो। नानबाई मुझे कंघीवालों के लिए कुछ नान
देगी। कंघीवाले मुझे लड़की के लिए एक कंघी देंगे । लड़की
मुझे पीपल के पेड़ के लिए एक धागा देगी। पीपल का पेड़ मुझे
नदी के लिए एक पत्ती देगा और नदी मुर्गे के लिए मुझे थोड़ा
पानी देगी , क्योंकि उसके गले में सेम का दाना अटक गया है।"
लकड़हारों ने मुर्गी को जलाने की कुछ लकड़ी दे दी।
मुर्गी जलाने की लकड़ी लेकर नानबाई के पास गयी ।
नानबाई ने उसे कंघीवालों के लिए कुछ नान दे दिये । कंघीवालों
ने उसे लड़की के लिए एक कंघी दे दी। लड़की ने उसे पीपल
के पेड़ के लिए एक धागा दे दिया । पीपल ने नदी के लिए एक पत्ती दे दी और नदी ने उसे मुर्गे
के लिए थोड़ा पानी दे दिया।
मुर्गे ने पानी पिया तो सेम का दाना गले के नीचे उतर
गया ।
गया ।
"कुकड़ ! " मुर्गे ने खुश हो कर बांग दी।
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